सोमवार, 30 जून 2008

हालत-ऐ-मध्य प्रदेश

मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार की जो हालत फिलहाल है उसे बयां करना मुश्किल है। सरकार में बैठे मंत्री हो या अधिकारी, सभी पर महा भ्रष्ट होने का आरोप है। इस परिस्थिति में प्रदेश का क्या हाल होना है, प्रदेश कहाँ जाएगा, यह तो भगवान भी शायद नहीं बता सकता। ऐसे में मंत्री-अधिकारी जमकर घूसखोरी कर रहे है। इसका प्रमाण है पकडाये गए लोगो की संख्या। भ्रष्टाचार से शिष्टाचार में तब्दील हो चुकी 'रिश्वत' को लेने वाले ख़ुद को बेगुनाह बताते नही थकते। ऐसे लोगो पर शैल चतुर्वेदी की कविता 'लेन-देन' बिल्कुल फिट बैठती है। आप भी गौर फरमाइए....

एक महानुभाव हमारे घर आए
उनका हाल पूछा, तो आँसू भार लाए
बोले -"रिश्वत लेते पकड़े गए हैं
बहुत मनाया नहीं माने भ्रष्टाचार समिति वाले
अकड़ गए हैं
सच कहता हूँ मैनें नहीं मांगी थी
देने वाला ख़ुद दे रहा था
और पकड़ने वाले समझे
मैं ले रहा था
अब आप ही बताइए घर आई लक्ष्मी को
कौन ठुकराता है
"क्या लेन-देन भी रिश्वत कहलाता है"
मैनें भी एक काम किया था
एक सरकारी ठेका उसके नाम किया था,
उसका और हमारा लेन-देन बरसों से है
और ये भ्रष्टाचार समिति तो
परसों से है।

1 टिप्पणी:

डा० अमर कुमार ने कहा…

चल हट, बड़ा आया बिच्छू ?
अपने इन्सान होने को वेरीफ़ाई करूँ कि तुम्हारी जयजकार करूँ ?